इंसान की फितरत है

 इंसान की फितरत है की वो झूठ पे जीता है लोगो को मूर्ख ख़ुद को समझदार समझता है माना की ज़िन्दगी में सब कुछ हासिल नहीं होता पर इंसान ना जाने ख़ुद को भगवान समझता है