ना जाने कितने ही कदमो तले कुचला गया है ये रास्ता
फिर भी चुप चाप सब सहता गया है ये रास्ता
उसकी मंजिल की जान है ये रास्ता
फ़िर भी सबसे गुमनाम है यही रास्ता
रखते हैं याद अपनी मंजिल को लोग
पर अपनी पहचान से दूर वह ये रास्ता
हर मौसम के हर पल का गवाह हे ये रास्ता
पर फिर भी बेजान और मायुस है ये रास्ता
फ़सलों की दूरी मिटाने के लिए है रास्ता
पर कुध फासलो से घिरा है ये रास्ता
सबको अंजाम तक पहुंचाता है ये रास्ता
पर खुद के अंजाम से अंजान है ये रास्ता
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