कर्म पथ

 जीत-हार भूलकर बढ़ा चल तू कर्म पथ पर जो है लोभ क्रोध से परे वही है अजय इस जगत में राम रावण का फर्क समझकर बढ़ा चल तू धैर्य रख कर मिलेगा जो तेरा होगा भरोसा रख तू अपने रब पे